बंता: क्या आपने मेरा नया नाटक देखा है, जो मैंने झगड़ालू पति-पत्नी के बारे में लिखा है? संता: मैंने अभी तक नाटक तो नहीं देखा पर मैंने आपको और आपकी पत्नी को उसकी रिहर्सल करते देखा है!
बंता:: पिछली दिवाली को हमने रात को लक्ष्मी के लिये दरवाजे खोल कर रखे थे पर चोर आ गए! संता: हो सकता है चोर अपने घर के दरवाजों के साथ खिड़कियाँ भी खोल कर आये हो इसलिये तुम्हारे घर की लक्ष्मी उनके यहाँ चली गई!
संता: सुना है प्रीतो से तुम्हारा समझोता हो गया और अब तुम उसी से शादी कर रहे हो! बंता: उससे शादी करना मेरी मजबूरी है क्योंकि मैंने उसे जो एंगेजमेंट रिंग दी थी वह उसके मोटे होने की वजह से उसकी ऊँगली से नहीं निकली!
संता: मैं जब पैदा होने के बाद इस दुनिया में आया तो मेरे पास कुछ नहीं था! क्योंकि अब मैं शादी-शुदा हूँ इसलिये इस दुनिया से जाते हुये भी मेरे हाथ में कुछ नहीं होगा!