बंता: हमारे बड़े-बूढ़े हमेशा हमें यह क्यों कहते हैं कि पराई औरतों को हमेशा अपनी माँ के समान समझो! संता: वो इस तरह हमारा उल्लू बनाके अपना उल्लू सीधा करते हैं!
संता: मैं और मेरी पत्नी फिल्म देखने गये! हम फिल्म का एक भाग ही देख पाये! बंता: क्यों? आपने दूसरा भाग क्यों नहीं देखा! संता: पहले भाग के बाद स्क्रीन पर लिखा आ गया दूसरा भाग - दो दिन बाद! हम क्या दो दिन सिनेमा हाल में बैठे रहते?
बंता: आप इतने परेशान क्यों हैं? संता: मैं बाप बनने वाला हूँ? बंता: यह तो ख़ुशी की बात है! संता: परेशानी की बात यह है कि जीतो होने वाले बच्चे की माँ नहीं है!
बंता: हमारे बुजुर्ग अब हमारे बारे में क्या सोचते होंगे? संता: जब मैं स्वर्ग जाऊँगा तो पूछ के बताऊंगा! बंता: अगर वो स्वर्ग में न हुये तो? संता: तो नरक में तुम पूछ कर बता देना!
संता और बंता की खूब पिटाई हुई! पता है क्यों? क्योंकि दोनों जन्मदिन की पार्टी में बिना बुलाये चले गए थे और वहां खाना खाते हुए बोल रहे थे हम तो लड़के वालों की तरफ से है!