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Friday, March 2, 2012

संता सिम्मी को सहेली ने पूछा- तुमने आखिर

संता सिम्मी को सहेली ने पूछा- तुमने आखिर क्या सोचा कर अपने नौकर से शादी कर ली?
संता सिम्मी ने दांत किसकिसाते हुए कहा- हकीकत में वह बेहद कामचोर था और मुंहजोरी करता था। मैने उसे सबक सिखाने का सोचा था। तभी मुझे यह आइडिया आया और मैने

एक दिन संता बुझक्कड शहर घुमने गया।

एक दिन संता बुझक्कड शहर घुमने गया। उसने देखा, एक बडे से मदान में बहुत भीड जुटी है। और एक लाइन में दस युवा अधझुके खडे है। संता बुझक्कड ने पास खडे युवक बंता बोस पूछा- भैया यहां क्या हो रहा है?
बंता बोस ने कहा - बाबा, यहां दड हो रही है। संता बुझक्कड - ये क्यों दौड रहे है। बंता बोस- बाबा, ये कप पाने के लिए दौड रहे है।
संता बुझक्कड- कप किसको मिलेगा? बंता बोस- जो जीतेगा, उस क्यक्ति को मिलेगा। संता बुझक्कड- फिर यें बाकी क्यों दौड रहे है?

मरीज संता सिंह को तेज बुखार था।

मरीज संता सिंह को तेज बुखार था। घर के पास उपलब्ध डॉक्टर बंता दास को दिखाने के बाद, फीस देते हुए उसने कहा- डॉक्टर साहब, आपकी फीस तो बहुत ज्यादा है।
डॉक्टर बंता दास- सो तो है। हां, अगर आप रोजाना आएगे तो कम कर दूंगा।

संता सोची, ’डॉक्टर साहब, पता नहीं मेरे

संता सोची, ’डॉक्टर साहब, पता नहीं मेरे दिमाग कें क्या हो गया है ? सुबह मंजन करने के लिए पेस्ट लेता हूं, तो उसकी जगह शेविंग क्रीम उठा लेता हूं। जब शेविंग करना होती है, तो रेजर पर पेस्ट लगा लेता हूं। और अब .....
’......और अब डॉक्टर के पास जाना होता है, तो पान वाले के पास चले आते हो।‘ उसकी बात बीच में काटकर पान वाले बंता चौरसिया ने पान पर चूना लगाते हुए कहा ।

संता-संतानी दीपावली पर दूर थे।

संता-संतानी दीपावली पर दूर थे। संतानी ने संता के लिए पार्सल से गिफ्ट में स्वेटर भेजा। गिफ्ट के साथ एक पर्ची भी थी, जिस पर लिखा था- ’बटनों का वजन ज्यादा होने के कारण पार्सल चार्ज बढ रहा था। सो, उन्हें स्वेटर से अलग कर दिया है। ये बटन स्वेटर के ऊपर वाले जेब में रखे हैं, किसी दर्जी से लगवा लेना ।
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संता ने इस दीवाली पर ’यादाश्त कैसे बढे

संता ने इस दीवाली पर ’यादाश्त कैसे बढे‘ शीर्षक पर किताब खरीदी और जब वह उसे अलमारी में रखने गया, तो पता चला कि यही किताब उसने पिछली दीवाली को भी खरीदी थी ।

गणित के गुरूजी (बच्चों से)ः कल मैं तुम

गणित के गुरूजी (बच्चों से)ः कल मैं तुम लोगों से एक सवाल करूंगा। सब के सब तैयारी करके आना।
दूसरे दिन गुरूजी ने पूछा, बताओ तुम्हारे सिर पर कितने बाल है ?
जूनियर बंताः दो करोड, साठ लाख, पांच हजार, दो सौ इक्यावन सर।
गुरूजीः यह तुमने कैसे गिने ?
जूनियर बंताः यह तो दूसरा सवाल हो गया गुरूजी, आपने तो एक ही सवाल की तैयारी करके आने को कहा था।

एक दिन बंता जी टीवी का एंटीना ठीक कर रहे थे।

एक दिन बंता जी टीवी का एंटीना ठीक कर रहे थे। उन्होनें अपने बेटे जूनियर बंता से पूछाः बेटा जूनियर, क्या टीवी ठीक चल रहा है?
जूनियर बंताः ओ पापे मेरी जान, टीवी तो वहीं का वहीं पडा है, जहां पहले पडा था।