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Monday, February 27, 2012

डॉ संताः अब आपकी तबीयत कैसी है?

डॉ संताः अब आपकी तबीयत कैसी है?
बंताः डॉक्टर साहब, पहले से ज्यादा खराब हो गई है।
डॉ संताः अरे, दवाई खा ली थी क्या?
बंता नहीं डॉक्टर साहब, दवाई की शीशी तो भरी थी।
डॉ संताः अरे बंता जी, मेरे कहने का मतलब है, दवाई ले ली थी क्या?
बंताः जी, आपने दवाई दे दी थी और मैंने ले ली थी।
डॉ संताः अबे, दवाई पी ली थी क्या?
बंताः ओहो, नहीं डॉक्टर साहब, दवाई तो लाल थी।
डॉ संता (गुस्से से लाल-पीला होते हुए)ः अबे गधे, दवाई को पी लिया था क्या?
बंताः नहीं साहब, पिलिया तो मुझे है। डॉ संता का पारा सातवें आसमान पर चढ जाता है।
डॉ संताः अबे दवाई को मुंह लगाकर पेट में डाला था कि नहीं?
बंता नहीं डॉक्टर साहब।
डॉ संताः क्यो?
बंताः क्योंकि ढक्कन बंद था।
डॉ संताः तो खोला क्यों नहीं???
बंताः साहब, आपने ही तो कहा था कि शीशी का ढक्कन कसकर बंद रखना।
डॉ संता (अपना सिर पकडकर)ः तेरा इलाज मैं नहीं कर सकता।
बंताः तो डॉक्टर साहब, यह तो बता दो कि मैं ठीक कैसे होऊंगा?

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