कश्मीर से अमृतसर लौटते समय तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण बांके की कार कई जगह से पिचक गई। बांके
कार को मैकेनिक के पास लेकर गया। जब कार की मरम्मत मे आने वाले खर्चें के बारे मे पूछा, तो उसने पचास हजार रूप्ए का खर्च बताया। बांके ने जब कोई दूसरा उपाय पूछा तो मैकेनिक को मजाक सूझा। उसने कहा- कार के पीछे निकले पाइप मे मुंह लगाकर फूंक मारो कार में हवा भरेगी और यह अपने आप फूक जायेगी।
बांके घर पहुंच कार के साइलेसर में मुंह लगाकर फूंक मारने लगा। उसी समय उसका पडोसी राधे वहां आया। उसने बांके से पूछा क्या कर रहे हो भाई?
बांकेः म इस पाइप से कार मे हवा भर रहा ह लेकिन कुछ असर होता दिख नहीं रहा है। राधे ने एक बार कार का मुआयनाा किया और कहा- अरे बुद्ध इससे कुछ नहीं होगा। बांके ने हैरान होते हुए पूछाः क्यों नहीं होगा?
राधेंः क्योकि कार की खिडकियों के कांच चढे नहीं है, तुम्हें पहले इन्हे बंद करना पडेगा।
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