एक पागलखाने में सारी मस्ती में नाच रहे थे। एक पागल चुपचाप बैठा था।
पागलों का डॉक्टर आया और बोला, ’तुम्हारे सारे साथी नाच रहे हैं, तो तुम चुपचाप क्यों बैठे हो?‘
पागल बोला, ’ये सब तो बाराती हैं, मैं तो दूल्हा हूं भाई।‘
पागलों का डॉक्टर आया और बोला, ’तुम्हारे सारे साथी नाच रहे हैं, तो तुम चुपचाप क्यों बैठे हो?‘
पागल बोला, ’ये सब तो बाराती हैं, मैं तो दूल्हा हूं भाई।‘
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