एक दिन संता बुझक्कड शहर घुमने गया। उसने देखा, एक बडे से मदान में बहुत भीड जुटी है। और एक लाइन में दस युवा अधझुके खडे है। संता बुझक्कड ने पास खडे युवक बंता बोस पूछा- भैया यहां क्या हो रहा है?
बंता बोस ने कहा - बाबा, यहां दड हो रही है। संता बुझक्कड - ये क्यों दौड रहे है। बंता बोस- बाबा, ये कप पाने के लिए दौड रहे है।
संता बुझक्कड- कप किसको मिलेगा? बंता बोस- जो जीतेगा, उस क्यक्ति को मिलेगा। संता बुझक्कड- फिर यें बाकी क्यों दौड रहे है?
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