एक झूठ पकड़ने की मशीन खरीदी गयी। वो इस तरह से काम करती थी . . . . . अगर सच कहा जाये तो मशीन कोई आवाज़ नहीं करती थी। अगर झूठ बोला जाये तो मशीन से आवाज़ आती थी 'टनाााा . . . . '।
अब एक बंगाली एक मद्रासी और एक सरदारजी को मशीन के सामने लाया गया। अब देखिए . . . .
बंगाली : आमि सोचता हूं कि हम एक बार में 30 रोसोगुल्ला खा सकता हूं।
मशीन : टनााा. . . . . .
बंगाली : नोहीं नोहीं। हमारे ख्याल से हम एक बार में 10 रसगुल्ला खा सकता हूं।
मशीन : कोई आवाज़ नहीं। मतलब सच बोला गया।
मद्रासी : हम सोचता जी हम एक बार 25 दोसा खा सकता जी।
मशीन : टनााा . . . . . . .
मद्रासी : नहीं नहीं। हम सोचता कि हम एक बार में 10 दोसा खाने सकता ।
मशीन से कोई आवाज़ नहीं।
सरदारजी : मैं सोचता हूं . . . .
मशीन : टनााा . . . . . . .
सरदारजी : मैं सोचता ं . . . .
मशीन : टनााा . . . . . .
अब एक बंगाली एक मद्रासी और एक सरदारजी को मशीन के सामने लाया गया। अब देखिए . . . .
बंगाली : आमि सोचता हूं कि हम एक बार में 30 रोसोगुल्ला खा सकता हूं।
मशीन : टनााा. . . . . .
बंगाली : नोहीं नोहीं। हमारे ख्याल से हम एक बार में 10 रसगुल्ला खा सकता हूं।
मशीन : कोई आवाज़ नहीं। मतलब सच बोला गया।
मद्रासी : हम सोचता जी हम एक बार 25 दोसा खा सकता जी।
मशीन : टनााा . . . . . . .
मद्रासी : नहीं नहीं। हम सोचता कि हम एक बार में 10 दोसा खाने सकता ।
मशीन से कोई आवाज़ नहीं।
सरदारजी : मैं सोचता हूं . . . .
मशीन : टनााा . . . . . . .
सरदारजी : मैं सोचता ं . . . .
मशीन : टनााा . . . . . .
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