बांके ने स्विटजरलैंड से अपने कंजुस ससुर के लिए एक कोट भेजा, जिसकी कीमत 500 रूपए थी। लेकिन ससुर कहीं इसे फिजूलखर्ची न समझ ले इसलिए उसने कोट की कीमत 100 रूपए लिखी। कुछ ही दिनों बाद दामाद बांके को तार मिला। ’तुम मेरे लिए दोदर्जन कोट और भेज दो। मैंने उसे 200 रूपये में बेच दिया।
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